Tuesday 10 June 2014

मैं कोई गीत गाना चाहता हूँ

मैं कोई गीत गाना चाहता हूँ
साध सकता क्या सुरों को-
आजमाना चाहता हूँ    .....................मैं कोई गीत.................।
फगवा गाऊँ,
कजली गाऊँ,
सोरठ गाऊँ,
ये गाऊँ या वो गाऊँ।
कोई मिलन का गीत गाकर,
तुमको सुनाना चाहता हूँ .....................मैं कोई गीत.................।
फटा बाँस सा कंठ मेरा,
गर्दभ जैसा स्वर उच्च मेरा।
संगीत की नहीं की साधना,
नहीं की बागेश्वरी की आराधना।
साथ तेरे कोई गीत,
गुनगुनाना चाहता हूँ .....................मैं कोई गीत.................।



जयन्ती प्रसाद शर्मा 

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