आ गया नव वर्ष
आ गया नव वर्ष।
प्रियवर आपको शुभकामना,
हम देते हैं सहर्ष।
शुभ-सुख, चैन की वृष्टि होती रहे,
धन धान्य की वृद्धि होती रहे।
है यह मंगल कामना हमारी,
आपका होता रहे उत्कर्ष.....आगया..................।
नव वर्ष लाये आपके जीवन में बहार,
होता रहे सम्मान गले में पड़ते रहें फूलों के हार।
स्थायित्व आप पा जायें,
नहीं रहें तदर्थ..............आ गया......................।
पूर्ण होता रहे मनोरथ आपका,
सफल होता रहे श्रम आपका।
हों फलीभूत आपके प्रयास,
जायें नहीं व्यर्थ............आ गया..................... ।
आप सदा सर्वदा रहें सुखी,
मिलती रहे आपको ख़ुशी।
दुख नहीं फटके पास आपके
नहीं होवे कोई अनर्थ।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
आ गया नव वर्ष।
प्रियवर आपको शुभकामना,
हम देते हैं सहर्ष।
शुभ-सुख, चैन की वृष्टि होती रहे,
धन धान्य की वृद्धि होती रहे।
है यह मंगल कामना हमारी,
आपका होता रहे उत्कर्ष.....आगया..................।
नव वर्ष लाये आपके जीवन में बहार,
होता रहे सम्मान गले में पड़ते रहें फूलों के हार।
स्थायित्व आप पा जायें,
नहीं रहें तदर्थ..............आ गया......................।
पूर्ण होता रहे मनोरथ आपका,
सफल होता रहे श्रम आपका।
हों फलीभूत आपके प्रयास,
जायें नहीं व्यर्थ............आ गया..................... ।
आप सदा सर्वदा रहें सुखी,
मिलती रहे आपको ख़ुशी।
दुख नहीं फटके पास आपके
नहीं होवे कोई अनर्थ।
जयन्ती प्रसाद शर्मा