Thursday 18 June 2015

चट पट झट

चंगू तेली मंगू तेली,
आपस में थे दोनों बेली।
थी गुड़िया रानी एक सहेली,
नहीं बीच में इनके कोई पहेली।
सब मिल कर खेला करते थे,
कूंद फांद झगड़ा नित-
नये नये वे करते थे।
वर्षों खेले संग संग सब,
शैशव बीता पता नही कब।
गुड़िया भी जवान हो गई,
तन कर वह कमान हो गई।
ठुमरी की वह तान हो गई,
मनचलों की वह जान हो गई।
मंगू के मन भा गई गुड़िया,
उसके तन मन पर छा गई गुड़िया।
किया प्रणय निवेदन मंगू ने,
गुड़िया बोली धत।
मंगू बोला चट,
चंगू बोला पट।
हो गई दोनों की शादी झट,
नतीजा चट, पट, झट।

जयन्ती प्रसाद शर्मा