Friday 27 October 2017

प्रजा तंत्र का दोष

प्रजा तंत्र का दोष है, तंत्र रहे कमजोर। 
शाह झांकते है बगल, हावी रहते चोर।।
बागी-दागी तंत्र को, कर देते कमजोर
शासन का इन पर नहीं, चल पाता है जोर।। 
तुष्टिकरण समाज में, पैदा करता भेद 
बढ़ जाते हैं भेद से, आपस में मतभेद।। 
मैं चाहूँ मेरी बने, एक अलग पहचान 
इनका उनका सा नहीं, बनूँ भला इन्सान।।
साईं इस संसार में, सबसे मीठा बोल 
यदि करता हो व्यापार, सबको पूरा तोल।। 

जयन्ती प्रसाद शर्मा  

Saturday 21 October 2017

जय हनुमान महाबलवान

जय हनुमान महाबलवान,
रक्षा करो,
करों दुखों का शमन दुष्टों का दमन,
नहीं किसी आदेश की प्रतीक्षा करो ....जय हनुमान....।
                            तुम प्रखर बुद्धि हो,
                            स्वयं सिद्ध हो।
                            भक्तों का दुख हरने को,
                            अति प्रसिद्ध हो।
निजजनों के धैर्य की,
नहीं इन्तेहा करो ................जय हनुमान....।
                            दमन दुष्टों का तुम्हारे-
                            जन्म का मर्म है।
                            करना राम नाम का प्रसार,
                            तुम्हारा प्रिय कर्म है।
अब विस्मरण हो रहा राम-नाम का,
उसे प्रचारित करो ...............जय हनुमान....।
                            नारियों का लोग हरण,
                            बहुतायत से कर रहे हैं।
                            कर रहे उन संग दुराचार,
                            क्षरण अस्मिता का कर रहे हैं।
मातृशक्ति की अविलम्ब प्रभु,
सुरक्षा करो.......................जय हनुमान....।   

जयन्ती प्रसाद शर्मा