Thursday 28 February 2019

फहरादो झंडा हिंदुस्तान का

नाम मिटा दो दुनियाँ के नक्शे से,
पाकिस्तान का।
उतार फैंको चाँद सितारा,
फहरादो झंडा हिंदुस्तान का।
कोई मुल्क था पाकिस्तान,
रहे न इसका कोई निशान।
आतताइयों को करो ख़त्म,
दूर करो दर्द सारे जहान का।
शहीदों की मौत का लो प्रतिकार,
कर लो पाक पर अधिकार।
बनाओ उसको एक प्रान्त, 
भारत महान का।
नहीं भावना उसकी शुद्ध ,
वह बस कर सकता है छद्म युद्ध।
सम्मुख युद्ध में वह हारेगा,
कर न सकेगा आकलन अपने नुकसान का।
शहीदों का लहू रंग लायेगा,
वह अपनी करनी पर पछतायेगा।
दुख नेस्तनाबूद करेगा उसको,
अपनों को खोये इंसान का। 
जयन्ती प्रसाद शर्मा

Saturday 23 February 2019

नापाक को पाक करो

नापाक पाक को पाक करो,
गन्दा है वह साफ करो।
आतंकवाद का पोषक है,
उसको दण्डित आप करो।
करता रहता है छद्म युद्ध,
नेतृत्व वहाँ का नहीं प्रबुद्ध।
उनकी शुद्ध भावना हो जाये,
ऐसा कुछ आप करो।
विश्व मंचों पर हुई फजीहत,
हर किसी ने दी उसे नसीहत।
बन्द करो व्यर्थ का भारत विरोध,
युद्ध के कारक होने का नहीं पाप करो।
एक बार नहीं अनेक बार,
हो चुकी है कूटनीतिक हार।
कश्मीर राग का बार बार,
काहे आलाप करो।
जयन्ती प्रसाद शर्मा

Saturday 16 February 2019

जैसे को तैसा

कूट कूट कर भुस भर दो,
नापाक निगोड़ों में।
बिना पिटे नहीं आएगी अक्ल,
इन हराम खोरों में।
वर्षों से वे कर रहे छल छइयां,
बहुत हो गईं अब गलबहियां।
न रहो विनोदी अब मोदी,  
लतियाओ लगाओ मार इन डंगर ढोरों में।
दिखलादो हिन्दुस्तानी दम खम,
बतलादो नहीं कम हम।
इतना कूटो दर्द रहे दौड़ता उनके पोरों में।
अपनाओ जैसे को तैसा की नीति ,
वह भूल जायेगा करना अनीति।
शहादत का बदला लेने में,
रह न जाये कसर कोरों में।
जयन्ती प्रसाद शर्मा




Saturday 2 February 2019

तारे न तुम आना ज़मीं पर,

तारे न तुम आना ज़मीं पर,
यहाँ बहुत दुश्वारियां हैं।
कदम कदम पर धोखे हैं,
कदम कदम पर मक्कारियां हैं।
यह मतलब की दुनियाँ हैं,
बिना मतलब कोई नहीं जानता।
रोज मिलते हैं मगर,
कोई नहीं पहचानता।
मतलब के हैं रिश्ते नाते,
मतलब की ही यारियां हैं।
भाईचारे की यहाँ कमी है,
सब आपस में डरे हुए हैं।
नहीं दिलों में है अपनापन,
सब नफरत से भरे हुए हैं।
होती है नफरत की खेती,
यहां नफरत की ही क्यारियां हैं।
कोई नहीं करता,
समाज को जोड़ने की कोशिश।
हर कोई करता है,
दिलों को तोड़ने की कोशिश।
नेता फैलाते हैं भ्रम जाल,
उनमें बड़ी अय्यारियाँ हैं।
जयन्ती प्रसाद शर्मा