आओ हिन्दी दिवस मनायें,
हिन्दी का वर्चस्व बढायें।
हिन्दी में है माधुर्य,
हिन्दी में लालित्य।
हिन्दी में ग्रंथों की मीमांसा,
उसमे विपुल साहित्य।
चाहे तेलगू हो चाहे हो कन्नड़,
चाहे मलयालम भाषी।
चाहे हो बंगाली या पंजाबी,
सबको है हिन्दी आती।
संस्कृत है भाषाओँ की जननी,
सब भाषाओँ में बह्नाता है।
सब भाषाओँ में है समन्वय,
सब ने ही अपनाया है।
सबने स्वीकारी हिन्दी,
विश्व भाषाओँ में स्थान दिया।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी हिन्दी को,
अधिकारिक भाषा का मान दिया।
विश्व हिन्दी दिवस की बेला पर,
चारण बन जाऊँगा।
हिन्दी का यशगान करूँगा,
हिन्दी के गुण गाऊंगा।
आओ हम सब जय घोष करें,
जय हिन्दी जय हिन्दुस्तान।
हिन्दी जग में हो प्रतिष्ठित,
विश्व नेतृत्व करे भारत महान।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
चित्र गूगल से साभार
हिन्दी का वर्चस्व बढायें।
हिन्दी में है माधुर्य,
हिन्दी में लालित्य।
हिन्दी में ग्रंथों की मीमांसा,
उसमे विपुल साहित्य।
चाहे तेलगू हो चाहे हो कन्नड़,
चाहे मलयालम भाषी।
चाहे हो बंगाली या पंजाबी,
सबको है हिन्दी आती।
संस्कृत है भाषाओँ की जननी,
सब भाषाओँ में बह्नाता है।
सब भाषाओँ में है समन्वय,
सब ने ही अपनाया है।
सबने स्वीकारी हिन्दी,
विश्व भाषाओँ में स्थान दिया।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी हिन्दी को,
अधिकारिक भाषा का मान दिया।
विश्व हिन्दी दिवस की बेला पर,
चारण बन जाऊँगा।
हिन्दी का यशगान करूँगा,
हिन्दी के गुण गाऊंगा।
आओ हम सब जय घोष करें,
जय हिन्दी जय हिन्दुस्तान।
हिन्दी जग में हो प्रतिष्ठित,
विश्व नेतृत्व करे भारत महान।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
चित्र गूगल से साभार
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