मन में उमंग लिये,
सखियन को संग लिये।
आई मदमाती नारि,
विरज की खोरी में।
पुकारती फिरे नाम,
छोड़ूँगी नहीं आज श्याम।
चटक रंग घोरि लाई,
बौरी कमोरी में..............आई मदमाती............।
कजरारे रसीले नैन,
मिसरी से मीठे बैन।
कंचुकी से कसे भाव,
ग्वालिन की छोरी ने.................. आई मदमाती.............. ।
ढूँढ रही होकर विभोर,
कहाँ छिपे हो चितचोर।
कर दूँगी सराबोर,
आज तुम्हें होरी में......आई मदमाती.............. ।
चुपके से आये कन्हैया,
ग्वालिन की पकड़ी बहियाँ।
श्याम न बरजोरी करो,
कर रही चिरौरी मैं.................... आई मदमाती.............. ।
झटकि बाँह छीन लई मटकी,
कैसे भूलि गई बात पनघट की।
रँगी सिर पर से रंग डारि-
कियौ नहीं विरोध गोपिका निगोड़ी ने......आई मदमाती......।
सखियन को संग लिये।
आई मदमाती नारि,
विरज की खोरी में।
पुकारती फिरे नाम,
छोड़ूँगी नहीं आज श्याम।
चटक रंग घोरि लाई,
बौरी कमोरी में..............आई मदमाती............।
कजरारे रसीले नैन,
मिसरी से मीठे बैन।
कंचुकी से कसे भाव,
ग्वालिन की छोरी ने.................. आई मदमाती.............. ।
ढूँढ रही होकर विभोर,
कहाँ छिपे हो चितचोर।
कर दूँगी सराबोर,
आज तुम्हें होरी में......आई मदमाती.............. ।
चुपके से आये कन्हैया,
ग्वालिन की पकड़ी बहियाँ।
श्याम न बरजोरी करो,
कर रही चिरौरी मैं.................... आई मदमाती.............. ।
झटकि बाँह छीन लई मटकी,
कैसे भूलि गई बात पनघट की।
रँगी सिर पर से रंग डारि-
कियौ नहीं विरोध गोपिका निगोड़ी ने......आई मदमाती......।
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