माँ जीवन का आधार,
माँ ममता का भण्डार।
नहीं माँ जैसा कोई उदार,
कैसा भी हो बच्चा करती प्यार।
माँ सुख बच्चों को देती,
बलायें उसकी ले लेती।
नहीं माँ की ममता का मोल,
नहीं उसके स्नेह का तोल।
माँ कष्ट में बच्चे को पाती,
भूख प्यास उसकी उड़ जाती।
नहीं माँ की करुणा का अन्त,
उॠण नहीं होओगे मृत्यु पर्यन्त।
नहीं करो अवहेलना जन्म प्रदाता की,
रहो पूजते माँ को बोलते जय माता की।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
चित्र गूगल से साभार
माँ ममता का भण्डार।
नहीं माँ जैसा कोई उदार,
कैसा भी हो बच्चा करती प्यार।
माँ सुख बच्चों को देती,
बलायें उसकी ले लेती।
नहीं माँ की ममता का मोल,
नहीं उसके स्नेह का तोल।
माँ कष्ट में बच्चे को पाती,
भूख प्यास उसकी उड़ जाती।
नहीं माँ की करुणा का अन्त,
उॠण नहीं होओगे मृत्यु पर्यन्त।
नहीं करो अवहेलना जन्म प्रदाता की,
रहो पूजते माँ को बोलते जय माता की।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
चित्र गूगल से साभार
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