Wednesday, 13 August 2014

जश्न-ए-आजादी में भूल ना जाना

जश्न-ए-आजादी में भूल न जाना,
घात लगाये बैठे दुश्मन, तुमको उनसे देश बचाना।
कुछ सहमे कुछ डरे हुये हैं,
कुछ ईर्ष्या से जले हुये हैं।
प्रेम प्रपंच का ओढ़ लवादा,
विषधर आस्तीनों में छिपे हुये हैं।
बिना निरख के बिना परख के–
मत ऐरे गेरे को गले लगाना  .........घात  लगाये........।
हमने देश की आजादी,
नही दान में पाई है।
इस एक खुशी के बदले–
लाखों ने जान गँवाई हैं
हर पल हरदम रहना चौकस पड़ गलफ़त में-
नहीं भुलाना               ...........घात  लगाये........।
घर घर खुशियों के दीप जले हैं,
भोली आँखों में स्वप्न पले हैं।
हर मुख पर मुस्कान खिली है,
देश को नयी पहचान मिली है।
बनी रहे पहचान देश की-
सतत् प्रयत्न तुम करते जाना    ......घात  लगाये.......।
यह धरती वीर शहीदों की है,
गाँधी,सुभाष,भगत सिंह की है।
नेहरु शास्त्री ने इसे संवारा,
विश्व-पटल पर देश उभारा।
देखो शान न जाये इसकी–
पड़ जाये चाहे जान गँवाना   .............घात लगाये.......।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

चित्र गूगल से साभार  


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