सबकी अपनी अपनी ढपली,
अपना अपना राग।
किसी को सुहाता है सावन,
किसी को भाता फाग।
जब सब गाते कजरी-टप्पे,
वे गीत ओज के गाते हैं।
सीमा पर रहते मुस्तैद,
नहीं मौसम उन्हें डराते हैं।
वे रहते हैं सदा सजग,
कोई लगा न दे कभी आग।
न कोई उनको गर्मी,
न कोई उनको सर्दी।
न कोई उनकी इच्छा ,
न कोई उनकी मर्जी।
वे रहते हैं चौकन्ने,
खतरा होने पर गोली देते दाग।
जब मनाते सभी दिवाली,
वे खेलते खून की होली।
होता है वह वीर शहीद,
जिसको दुश्मन की लगती गोली।
पल भर में उसके घर में,
डेरा डाल देता दुहाग।
हे वीर बाहु तुमको नमन,
हे सुबाहु तुमको नमन।
देश की रक्षा को दिये प्राण,
हे बलिदानी तुमको नमन।
युद्ध में रत रहे अंत तक,
नहीं पीठ दिखा कर आये भाग।
जयन्ती प्रसाद शर्मा 'दादू'
चित्र गूगल से साभार
अपना अपना राग।
किसी को सुहाता है सावन,
किसी को भाता फाग।
जब सब गाते कजरी-टप्पे,
वे गीत ओज के गाते हैं।
सीमा पर रहते मुस्तैद,
नहीं मौसम उन्हें डराते हैं।
वे रहते हैं सदा सजग,
कोई लगा न दे कभी आग।
न कोई उनको गर्मी,
न कोई उनको सर्दी।
न कोई उनकी इच्छा ,
न कोई उनकी मर्जी।
वे रहते हैं चौकन्ने,
खतरा होने पर गोली देते दाग।
जब मनाते सभी दिवाली,
वे खेलते खून की होली।
होता है वह वीर शहीद,
जिसको दुश्मन की लगती गोली।
पल भर में उसके घर में,
डेरा डाल देता दुहाग।
हे वीर बाहु तुमको नमन,
हे सुबाहु तुमको नमन।
देश की रक्षा को दिये प्राण,
हे बलिदानी तुमको नमन।
युद्ध में रत रहे अंत तक,
नहीं पीठ दिखा कर आये भाग।
जयन्ती प्रसाद शर्मा 'दादू'
चित्र गूगल से साभार
10 comments:
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति सर
प्रणाम
सादर
सुन्दर
जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (12-08-2019) को "बने ये दुनिया सबसे प्यारी " (चर्चा अंक- 3425) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
आदरणीय सुन्दर प्रस्तुति, नमन
सैनिकों तुमको नमन
सीमा पर रहते मुसतैद
नहीं मौसम उन्हें डराते
सैनिक बनकर खड़े रक्षा प्रहरी
तभी तो हम अपने घरों सुरक्षित रह पाते
आदरणीय सुन्दर प्रस्तुति, नमन
सैनिकों तुमको नमन
सीमा पर रहते मुसतैद
नहीं मौसम उन्हें डराते
सैनिक बनकर खड़े रक्षा प्रहरी
तभी तो हम अपने घरों सुरक्षित रह पाते
वीर सनिकों को नमन..जिनके बल पर हम देश में सुरक्षित रहते हैं..
सुन्दर रचना
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना 14 अगस्त 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
जी बहुत शानदार प्रस्तुति।
बहुत सुन्दर सार्थक लाजवाब सृजन..
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