Friday, 16 May 2014

ठुकराओ मत प्यार मेरा

ठुकराओ मत प्यार मेरा।
अहसासे हुस्न से तनी हुई हो,
हर मन की चाहत बनी हुई हो
हैं बहुत चाहने वाले तेरे,
अभी प्रसंशक तेरे घनेरे।
नहीं भाव में मुझको लातीं तोड़ दिया दिल मेरा .....ठुकराओ मत ......।
कुछ दूर-दृष्टि अपनाओ तुम,
मत ऐरे गैरे पर दिल लाओ तुम।
मन की भावना पहचानो–
मत रंग रूप पर जाओ तुम।
जब रस लेकर भंवरा उड़ जायेगा-
क्या हाल बनेगा तेरा................ठुकराओ मत ........।
सुन्दर मेरा रूप नहीं है,
व्यक्तित्व तेरे अनुरूप नहीं है।
सद्दभावना न मेरी पहचानी-
बोलो क्या यह विद्रूप नहीं है।
निरख-परख कर लो तुम मेरी–
भ्रम मिट जायेगा तेरा..........ठुकराओ मत .............।
जब चाँदी चमकेगी बालों में,
गड्ढे पड़ जायेंगे गालों में।
रूप रंग जब ढल जायेगा,
दन्त विहीन मुख हो जायेगा।
कोई पास नहीं आयेगा।
क्या हाल होगा तब तेरा..............ठुकराओ मत.........।


जयन्ती प्रसाद शर्मा 

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