Thursday, 15 May 2014

रहना था हमको साथ

रहना था हमको साथ मगर दूर हो गये,
किस्मत ने  दिया साथ मजबूर हो गये।
हमने न की कोई जफा पर नहीं पाई बफा, 
बड़े अरमान से दिल हमने दिया था तुमको सनम ओ बेबफा।
बेबफाई तेरी से हम खुशियों से महरूम हो गये…… किस्मत ने न दिया......।
रहना नहीं था साथ तो क्यों प्यार किया था,
साथ जीने मरने का इकरार किया था।
चाहत में तेरी हम बदनाम बेकसूर हो गये.... किस्मत ने न दिया……..।
आपने ही हमको अपना न बनाया,
नहीं पूंछी कभी बात न दिल से लगाया। 
है वक्त की यह बात हँसी मगरूर हो गये ………किस्मत ने न दिया………।
तेरी हसीन मूरत दिल में मेरे रखी है,
तेरे बदन की खुशबू मेरी साँस में बसी है,
हम आशिक तेरे नाम से मशहूर हो गये......किस्मत ने न दिया……..।
जयन्ती प्रसाद शर्मा