Saturday, 27 August 2016

वह एकाक्षी था

जो कार्यकर्ता रखता हो समभाव,
देखता हो सबको एक नजर से,
आगामी विधानसभा चुनाव के लिये-
वह होगा दल का प्रत्याशी। 
एक कार्यकर्ता जो पहने था काला चश्मा-
खड़ा हो गया। 
बोला, “ इस अर्हता का मैं एक मात्र प्रत्याशी हूँ। 
छोटे-बड़े, स्त्री-पुरुष, दोस्त और दुश्मन-
सबको एक ही नजर से देखता हूँ। 
श्रीमान न हो विश्वास करलें पुष्टि,
यह कहकर उसने अपना चश्मा उतार दिया। 
लोगों ने देखा वह एकाक्षी था। 

जयन्ती प्रसाद शर्मा              

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