मेरा भारत देश महान-
कर रहा है प्रगति,
हो रहा है चौमुखी विकास यहाँ।
औधौगिक, वैज्ञानिक, कृषि आदि के साथ साथ-
छोटे, बड़े स्तरीय घोटाले-
हो रहे हैं बड़ी दक्षता से।
इनकी दर देखते हुये लगता है घोटालों के क्षेत्र में देश-
शीघ्र ही हो जायेगा आत्मनिर्भर।
यहाँ से हो सकेगा घोटालों का निर्यात।
संस्तुति है, इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को-
उचित धिक्कारालंकरणों से नवाजा जाय।
किया जाय उनका नागरिक निन्दन,
की जाय उन पर सड़े अण्डों और टमाटरों की बरसात-
और पहनायें जायें उन्हें जूतों के हार।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
कर रहा है प्रगति,
हो रहा है चौमुखी विकास यहाँ।
औधौगिक, वैज्ञानिक, कृषि आदि के साथ साथ-
छोटे, बड़े स्तरीय घोटाले-
हो रहे हैं बड़ी दक्षता से।
इनकी दर देखते हुये लगता है घोटालों के क्षेत्र में देश-
शीघ्र ही हो जायेगा आत्मनिर्भर।
यहाँ से हो सकेगा घोटालों का निर्यात।
संस्तुति है, इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को-
उचित धिक्कारालंकरणों से नवाजा जाय।
किया जाय उनका नागरिक निन्दन,
की जाय उन पर सड़े अण्डों और टमाटरों की बरसात-
और पहनायें जायें उन्हें जूतों के हार।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
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