परतंत्र भारत देश के कटक उड़ीसा संभाग में,
जन्मे सुभाष चन्द्र, जानकी नाथ के परिवार में।
1897 का 23 जनवरी दिन था खास,
माँ प्रभावती के गर्भ से जन्मे वीर सुभाष।
सब कुछ था हर रोज जैसा,
ना कुछ ऐसा ना कुछ वैसा।
वायु यों ही चल रही थी,
सबसे सुन-सुन कह रही थी।
गीत ख़ुशी के गाओ सब–
मत हो ओ कोई उदास.... .... माँ प्रभावती के .. ...।
चमकीला सूरज चमक रहा था,
आसमान में दमक रहा था।
चहक रहे थे पक्षी वैसे ही,
फूल खिले हर दिन जैसे ही।
फिर भी हर मन में जागा था–
एक अलग उल्हास ... ... माँ प्रभावती के ... ...।
माँ प्रभावती थीं सौर भवन में,
पिता सहन में अति आतुर थे मन में।
कोई बच्चे के रंग रूप से अवगत उन्हें कराये,
लग्नादि की गणना कर उसका भाग्य बताये।
बच्चे के जन्म के फलादेश का,
करवाये आभास माँ प्रभावती के ... . ।
सन्यासी एक अचानक वहाँ पर आये,
व्यग्र देख पिता को सुन्दर वचन सुनाये।
“बड़ा यश्वस्वी तेरा यह बालक होगा,
प्रखर देश भक्त और जन जन का नायक होगा।
होगा सत्य वचन यह मेरा-
कर मन में विश्वास’... .. माँ प्रभावती के ... ... ।
जय नेताजी, जय हिन्द।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
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