होली खेलि रहे नन्दलाल,
बिरज की खोरी में।
होरी खेलन बरसाने आये,
ग्वाल बाल कान्हा लैकें आये।
भर लाये लाल गुलाल,
पीत पट झोरी में ।
चंद्र सखी राधा की आयी,
भरि कें गगरी जल लै आयी।
जानें घोरि लियौ रँग लाल-
कमोरी कोरी में।
ग्वालन घेरी वृषभानु किशोरी,
चंद्राबल की गगरी फोरी।
राधे मुख मलौ गुलाल-
श्याम नें होरी में।
करौ न श्याम मोसौं बरजोरी,
हा हा खाऊँ मैं करूँ चिरौरी।
मेरौ टूटो नौलख हार-
जोरा जोरी में।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
चित्र गूगल से साभार
बिरज की खोरी में।
होरी खेलन बरसाने आये,
ग्वाल बाल कान्हा लैकें आये।
भर लाये लाल गुलाल,
पीत पट झोरी में ।
चंद्र सखी राधा की आयी,
भरि कें गगरी जल लै आयी।
जानें घोरि लियौ रँग लाल-
कमोरी कोरी में।
ग्वालन घेरी वृषभानु किशोरी,
चंद्राबल की गगरी फोरी।
राधे मुख मलौ गुलाल-
श्याम नें होरी में।
करौ न श्याम मोसौं बरजोरी,
हा हा खाऊँ मैं करूँ चिरौरी।
मेरौ टूटो नौलख हार-
जोरा जोरी में।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
चित्र गूगल से साभार
3 comments:
बहुत ही सुंदर होली गीत , होली की हार्दिक शुभकामनाये
शुभकामनाएंं होली की।
वाह बहुत सुन्दर रचना।
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