Saturday, 26 October 2019

ब्रज धाम

अति पावन माँटी है ब्रज की,
तिलक लगाऔ समझि कें चन्दन।
श्रद्धा सौं भैंटहु ब्रजवासिन,
करत रहे केलि इन सँग नँद नंदन।

गैया पूज्य हैं जमुना पूज्य है,
पूज्य है सिगरी ब्रज भूमी।
यहाँ धेनु चरावत घूमे कान्हा,
उन सँग राधा हू घूमी।

अति पवित्र है धाम वृन्दावन,
यहाँ रास रचाते रहे कन्हैया।
ग्वाल-बाल सँग धेनु चराते,
वेणु बजाते कदंब की छैयाँ।

बड़े भाग हैं उन जन के,
जिन दर्शन ब्रज धाम कौ कीन्हौं।
मानुष हैवे कौ फल पायौ,
जनम सफल अपनौं करि लीन्हौं।
जयन्ती प्रसाद शर्मा



No comments: