Friday, 31 August 2018

मैं अनुरागी श्री राधा कौ

मैं अनुरागी श्री राधा कौ!
नाम लेत बन जाती बिगड़ी,
महा मंत्र भव बाधा कौ•••।
राधा प्रसन्न, मैं प्रसन्न,
बात नही है यह प्रच्छन्न।
कर न सकूँगो मैं अनदेखी,
उनके भक्तों की ब्याधा कौ•••।
बिन राधा के श्याम अधूरौ,
कर न सकूं कोई काम मैं पूरौ।
वे हैं मेरी कर्म शक्ति,
मैं उन बिन प्रतीक आधा कौ•••।
मेरी पूरक बृषभान किशोरी,
राधे श्याम की अविचल जोड़ी।
कांतिमान हूँ उनसे ही मैं,
आभारी उनकी आभा कौ•••।
जयन्ती प्रसाद शर्मा



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