Friday, 18 January 2019

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी!
तेरी ज़िन्दगी
मेरी ज़िन्दगी
इसकी ज़िन्दगी
उसकी ज़िन्दगी
हम सबकी ज़िन्दगी।
रोती है ज़िन्दगी
रुलाती है ज़िन्दगी
हँसती है ज़िन्दगी
हँसाती है ज़िन्दगी
सबकी मुस्कराती है ज़िन्दगी।
सकाम होती है ज़िन्दगी
निष्काम होती है ज़िन्दगी
बदनाम होती है ज़िन्दगी
गुमनाम होती है ज़िन्दगी
अंजाम ढोती है ज़िन्दगी।
चलती है ज़िन्दगी
दौड़ती हैं ज़िन्दगी
घिसटती है ज़िन्दगी
सिमटती है ज़िन्दगी
थमती है पूर्ण विराम पाती है ज़िन्दगी।
यही चिरंतन सत्य है।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

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