अवांछित है अनामंत्रित है,
सड़कों पर स्वागत नहीं करोना।
नहि भेटहु नहि गहो हाथ,
दूर ही रहोना।
मानव रक्त का प्यासा है,
सामने पड़ोना।
न घुस सके घरों में बलात,
द्वार बंद रखोना।
रक्तबीज सा है दुर्दमन,
इसकी दृष्टि से बचोना।
बचने को इसके दुष्प्रभाव से,
एकांत वास करोना।
संक्रमितों से बचाव एकमेव उपाय,
न काम करेगा टोना या दिठोना।
जयन्ती प्रसाद शर्मा,दादू ।
सड़कों पर स्वागत नहीं करोना।
नहि भेटहु नहि गहो हाथ,
दूर ही रहोना।
मानव रक्त का प्यासा है,
सामने पड़ोना।
न घुस सके घरों में बलात,
द्वार बंद रखोना।
रक्तबीज सा है दुर्दमन,
इसकी दृष्टि से बचोना।
बचने को इसके दुष्प्रभाव से,
एकांत वास करोना।
संक्रमितों से बचाव एकमेव उपाय,
न काम करेगा टोना या दिठोना।
जयन्ती प्रसाद शर्मा,दादू ।
No comments:
Post a Comment